Great Indian Reformer Gallery
Deshbandhu Chittaranjan Das
দেশবন্ধু চিত্তরঞ্জন দাশ (1870-1925)
চিত্তরঞ্জন দাশ ছিলেন একজন বিশিষ্ট ভারতীয় স্বাধীনতা সংগ্রামী, আইনজীবী ও সমাজ সংস্কারক। ভারতের স্বাধীনতা সংগ্রামের প্রতি তার অবিচল নিষ্ঠার জন্য তিনি ‘দেশবন্ধু’, যার অর্থ ‘জাতির বন্ধু’ উপাধি অর্জন করেছিলেন। তিনি স্বরাজ পার্টির অন্যতম সদস্য ছিলেন, যার প্রধান লক্ষ্য ছিল সাংবিধানিক উপায়ে ভারতে স্ব-শাসন অর্জন করা। দেশবন্ধু বাংলায় অসহযোগ আন্দোলনে অত্যন্ত গুরুর্ত্বপূর্ণ ভূমিকা পালন করেন, তিনি ব্রিটিশ শাসনের বিরুদ্ধে অহিংস আন্দলনের পক্ষে ছিলেন। তাঁর চারিত্রিক দৃঢ়তা, নম্রতা, সামাজিক ন্যায়বিচার ও ভারতের স্বাধীনতা সংগ্রামের অবদান আগামী প্রজন্ম কে অনুপ্রানিত করে চলেছে।
আপনি কি জানেন ?
১৯২৪ সালের ১৬ই এপ্রিল দেশবন্ধু চিত্তরঞ্জন দাশ কলকাতা মিউনিসিপ্যাল কর্পোরেশনের প্রথম মেয়র নির্বাচিত হন।
देशबंधु चित्तरंजन दास (1870-1925)
चित्तरंजन दास एक प्रमुख भारतीय स्वतंत्रता-सेनानी, वकील और समाज-सुधारक थे। भारत के स्वतंत्रता-संग्राम के प्रति उनके अटूट समर्पण के लिए उन्हें “देशबंधु” की उपाधि मिली, जिसका अर्थ है- “देश का मित्र”। वह स्वराज (स्वतंत्रता) पार्टी में एक प्रमुख व्यक्ति थे- जिसका उद्देश्य सांवैधानिक तरीकों से भारत के लिए स्वशासन पाना था। दास ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अहिंसात्मक प्रतिरोध की वकालत करते हुए बंगाल के असहयोग आंदोलन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपनी विनम्रता, ईमानदारी और सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते वाले चित्तरंजन दास का भारत के स्वतंत्रता-संग्राम और सामाजिक न्याय हेतु योगदान पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।
क्या आप जानते हैं ?
16 अप्रैल 1924 को वह कलकत्ता नगर निगम के प्रथम मेयर चुने गए।
Deshbandhu Chittaranjan Das (1870-1925)
Chittaranjan Das was a prominent Indian freedom fighter, lawyer & social reformer. He earned the title “Deshbandhu,” meaning “Friend of the Nation” for his unwavering dedication to India’s freedom struggle. He was a key figure in the Swaraj (Independence) Party, which aimed to achieve self-governance for India through constitutional means. Das played a crucial role in the Non-Cooperation movement in Bengal, advocating for nonviolent resistance against British rule. Known for his integrity, humility, and commitment to social justice, his contributions to India’s freedom struggle & social justice continue to inspire generations.
Did you know?
On 16th April 1924, he was elected as the 1st Mayor of Calcutta Municipal Corporation.