Great Indian Reformer Gallery

Gopal Krishna Gokhale

Gopal Krishna Gokhale

তৈলচিত্র
শিল্পী: ভি.এ. মালি
कैनवास पर तेल चित्र
कलाकार: भी. ए. माली
Oil on Canvas
Artist: V.A. Mali
R3018

গোপাল কৃষ্ণ গোখলে (1866-1915)

শ্রী গোপাল কৃষ্ণ গোখলে একজন উদারনৈতিক, সমাজ সংস্কারক ও ভারতীয় স্বাধীনতা সংগ্রামের অগ্রগণ্য নেতাদের মধ্যে অন্যতম। ঔপনিবেশিক আইনসভা, সাংবিধানিক সংস্কার এবং সামাজিক ন্যায়বিচারের জন্য তিনি অবিস্মরণীয়। তিনি মহাত্মা গান্ধী সহ বহু স্বাধীনতা সংগ্রামীকে পরামর্শ দিয়ে ভারতের স্বাধীনতা আন্দোলনে গুরুত্বপূর্ণ ভূমিকা পালন করেন।  

আপনি কি জানেন?

শ্রী গোখলে ১৯০৭ সালে লালা লাজপত রায়ের মুক্তির জন্য ঐকান্তিক প্রচার চালান। লালা লাজপত রায় ব্রিটিশ শাসক দ্বারা কারাবন্দী ছিলেন মান্ডালায় যা বর্তমান মায়ানমারে অবস্থিত।

गोपाल कृष्ण गोखले (1866-1915)

गोपाल कृष्ण गोखले भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक पक्के समर्थक थे। गोखले एक विराट उदारवादी और समाज सुधारक थे। उन्हें अधिकतर औपनिवेशिक विधायिकाओं, सांवैधानिक सुधारों और सामाजिक न्याय के प्रति किए गए कार्यों के लिए याद किया जाता है। उन्होंने कई भावी नेताओं का मार्गदर्शन किया, जिनमें महात्मा गांधी भी शामिल थे। उनके योगदानों ने भारत के स्वाधीनता-संग्राम को साकार रूप देने में अहम भूमिका निभाई।

क्या आप जानते हैं ?

सन् 1907 ई. में गोखले ने लाला लाजपत राय को छुड़ने के लिए जमकर प्रचार किया था, जो वर्तमान म्यांमार के मैंडले में उस वर्ष ब्रिटिशों के द्वारा जेल में कैद किए गए थे।

Gopal Krishna Gokhale (1866-1915)

A stalwart of the Indian freedom movement, Gokhale was a liberal giant and social reformer. He is best remembered for his extensive work in colonial legislatures, constitutional reforms and social justice. He mentored many future leaders, including Mahatma Gandhi, and his contributions played a significant role in shaping India’s struggle for independence.

Did you know?

In 1907, he fervently campaigned for the release of Lala Lajpat Rai, who was imprisoned that year by the British at Mandalay in present-day Myanmar.

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Site Updated On

November 9, 2024