Great Indian Reformer Gallery
Ishwar Chandra Vidyasagar
ঈশ্বরচন্দ্র বিদ্যাসাগর (1820-1891)
ঈশ্বরচন্দ্র বিদ্যাসাগর একজন জনহিতৈষী বিশিষ্ট বাঙালি শিক্ষাবিদ এবং সমাজ সংস্কারক। তাঁকে বাংলা গদ্যের জনক বলা হয়। তিনি প্রথাগত শিক্ষা ব্যবস্থার সংস্কার, আধুনিক শিক্ষার প্রসার ও নারীর ক্ষমতায়নে গুরুত্বপূর্ণ ভূমিকা পালন করেছিলেন। যদিও নিজে ছিলেন একজন সনাতন উচ্চ শ্রেণীর ব্রাহ্মণ, তবুও তিনি উল্লেখযোগ্যভাবে বিধবাবিবাহ বৈধ করার জন্য একটি সফল প্রচারাভিযানের নেতৃত্ব দিয়েছিলেন যা তদানিন্তন সামাজিক রীতি – নীতির বিরুদ্ধে প্রতিবাদ করে। শিক্ষা এবং সামাজিক সংস্কারে ঈশ্বরচন্দ্রের অবদানের জন্য তিনি ‘বিদ্যাসাগর’ উপাধি লাভ করেন, যার আক্ষরিক অর্থ ‘জ্ঞানের সাগর’।
আপনি কি জানেন ?
তাঁর জ্ঞানের অন্বেষণ এতটাই গভীর ছিল যে, বাড়িতে গ্যাসের বাতি জ্বালানো সম্ভব না হওয়ায় তিনি রাস্তার আলোর নিচে পড়াশোনা করতেন।
ईश्वर चंद्र विद्यासागर (1820-1891)
ईश्वर चंद्र विद्यासागर एक प्रमुख बंगाली शिक्षक, समाज-सुधारक और परोपकारी व्यक्ति थे, उन्हें बंगाली गद्य का जनक माना जाता था। पारंपरिक शिक्षा-प्रणाली में सुधार, आधुनिक शिक्षा के प्रसार और महिला-सशक्तिकरण की वकालत करने में उन्होंने एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालांकि वह एक रूढ़िवादी उच्च वर्ग के ब्राह्मण थे, फिर भी, उन्होंने विधवा पुनर्विवाह को विशेष रूप से वैध बनाने के लिए एक सफल अभियान का नेतृत्त्व किया, जिससे सामाजिक मानदंडों को चुनौती दी गई। शिक्षा और सामाजिक सुधार में विद्यासागर के योगदान ने उन्हें “विद्यासागर” की उपाधि दी, जिसका अर्थ है- “ज्ञान का समुद्र” ।
क्या आप जानते हैं ?
ईश्वर चंद्र विद्यासागर में ज्ञान की भूख इतनी तीव्र थी कि वह गली की रौशनी के खंभे के नीचे पढ़ते थे, क्योंकि उनके लिए घर में एक प्रकाश की व्यवस्था कर पाना संभव नहीं था।
Ishwar Chandra Vidyasagar (1820-1891)
A prominent Bengali educator, social reformer and philanthropist, he was considered the father of Bengali prose. He played a significant role in reforming the traditional education system, advocating for the spread of modern education and women empowerment. Although an orthodox high class Brahmin, he notably led a successful campaign to legalize widow re-marriage thereby challenging societal norms. Vidyasagar’s contributions to education and social reforms earned him the title of “Vidyasagar”, which means “sea of knowledge.”
Did you know?
His quest for knowledge was so intense, that he used to study under a street light as it was not possible for him to afford a gas lamp at home!