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स्थापत्य

लार्ड कर्जन ने शुरू में ही सूक्ष्म विवरण में यह तय कर दिया था कि उन्होंने महारानी के लिए कैसे स्मारक की परिकल्पना की है। इसमें प्रतीकात्मकता पर विशेष बल दिया गया था। विक्टोरिया मेमोरियल हाल के निर्माण की परिकल्पना में इसे दिवंगत महारानी की स्मृति में सिर्फ एक स्मारक बनाया जाना ही उद्देश्य नहीं था। कर्जन चाहते थे कि  ‘यह भवन हमारे चमत्कारपूर्ण इतिहास का एक स्थायी रिकार्ड हो और उपनिवेश का प्रभावशाली उदाहरण भी प्रस्तुत करे ‘। अत: उन्होंने स्थापत्यकार विलियम इमरसन को यह कार्य सुपुर्द किया, जो तब तक बम्बई में क्रॉफोर्ड मार्केट तथा इलाहाबाद में ऑल सेंट्स कैथेड्रल जैसे सुप्रसिद्ध इमारतों का निर्माण कर प्रतिष्ठा प्राप्त कर चुके थे। कर्जन का शास्त्रीय शैली में लगाव था और उन्होंने इमरसन से अनुरोध किया कि वे इटली के नवजागरण की शैली में डिजाइन बनायें। इमरसन के सहायक के रूप में सन्‌ 1902 में विन्सेन्ट एश को नियुक्त किया गया और उन्हें विक्टोरिया मेमोरियल हाल की मूल डिजाइन को बनाने को कहा गया। सन्‌ 1910 में मेमोरियल का निर्माण आरंभ हुुआ एवं इस समय विन्सेन्ट एश को प्रोन्नति कर परियोजना का सुपरिटेन्डिंग आर्किटेक्ट बना दिया गया। यह उल्लेखनीय है कि यद्यपि कर्जन ने स्मारक के निर्माण के लिए ब्रिटिश स्थापत्यकारों को नियुक्त किया था, लेकिन यह केवल शास्त्रीय शैली को ही नहीं पेश कर रहा है बल्कि कर्जन  के प्रिय स्मारक ताज महल का एक प्रतिबिम्ब भी है। विक्टोरिया मेमोरियल हाल आज महारानी विक्टोरिया की स्मृति में विभिन्न देशों में बने स्मारकों में सबसे भव्य स्मारक है।